Wednesday, November 18, 2009

मेरी मां.......

मेरे दिल् कि गहरा‌इ‌ओ मे समाके गुदगुदाती है मां,

आज मुझको बहुत याद आती है मां ।

ऒ मेरा अन्जाना बचपन्,ऒ मेरी अन्जनी शरारते,

ऒ मा का चिल्लाना ,ऒ रुठना मनाना,

ऎसा लगता है दुर से मुझको बुलती है मा,

आज मुझको बहुत् याद आती है मा.।

बचपन के डर से उसके आंचल में छुप जाना,

मुझे देख के उसका धीरे से मुस्काना,

मेरे जिद् पे मुझको जब बहलाती थी मां,

आज मुझको बहुत याद आती है मां।

प्यार से उसका , मुझे गले से लगाना,

उसकी मीठी बातो मे मेरा खो जाना,

यु तुमसे दुर रहना मुझको दुखाति है मां,

आज मुझको बहुत याद आती हैं मां।

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