Friday, December 31, 2010

उनके प्यार मे मिटना ,मेरा गवारा नही

उनके दिल के आइने मे अगर मेरा चेहरा उतर जाये ,
तो मै समझुगा कि मेरा प्यार बेसहरा नही ।
मेरे फ़ना होने का गम, अगर उनकी आखो से टपक जाये,
तो मै समझुगा कि उनके प्यार मे मिटना ,मेरा गवारा नही॥
आज तक जिन्हे याद मै अकेले मुसकराता रहा,
तन्हाइओ मे आसु के कुच्ह बुद तपकाता रहा।
मह्फ़िल मे ही सही अगर उन्हे मेरि याद आ जाये,
तो मै समझुगा कि,यु ही नही मै खुद को मिटाता रहा।।
चाहत नही हमे कि ओ मुझे मिल जाये,
तमन्ना है बस मेरी दिवानगी उन तक पहुच जाये।
उनके एक हसि से जदा मुझे कुच्ह प्यारा नही,
तो मै समझुगा कि उनके प्यार मे मिटना ,मेरा गवारा नही॥
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