Thursday, April 29, 2010

पलको तले आसु फ़िर झिल्मिला गये

!पलको तले आसु फ़िर झिल्मिला गये,




य़ाद फ़िर उन्हि की आइ जो हमे भुला गये!!


दिल के कोने मे एक टिस फ़िर उभर आइ,


मेरे सान्त मन के समुन्दर मे,


गुजरे दास्ता कि एक लहर आइ!!


पलको से लुदक के आसु मेरे होठो को भिगा दिये!


य़ाद फ़िर उन्हि की आइ जो हमे भुला गये!!


पड्ने लगा मन उन हसिन पन्नो को,


जो मेरे दिल ने आज भी सजो रखा है,


एसा लगता है उन्कि खुस्बु इन हवाओ मे समाइ हो,


सायद उनको भी आज मेरी याद आइ हो,


ये सोचके होठ फ़िर मुस्करा दिये,


य़ाद फ़िर उन्हि की आइ जो हमे भुला गये!!

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